इंदौर शहर में एक ओर जहां गणपति बप्पा मोर्या.. की गूंज होगी, वहीं दूसरी ओर ईद-उल-फितर की नमाज होगी। एक तरफ मोतीचूर के लड्डुओं का भोग लगेगा वहीं दूसरी ओर सेंवइयों और शीर खुरमे की मिठास घुलेगी।
उत्सवप्रिय इंदौर शहर में शनिवार को यह दृश्य हर ओर दिखाई देगा। कारण है गणोश चतुर्थी और ईद का साथ-साथ आना। दोनों धर्मावलंबी इसे अच्छा संयोग मान रहे हैं। लोगों का कहना है गणोश चतुर्थी व मीठी ईद का संयोग आजादी के बाद संभवत: पहली बार बना है।
ईश्वर करे की मनुष्यों में प्रेम , भाईचारा और सौहार्द बना रहे .
बहाई धर्म के प्रणेता बहाउल्लाह के शब्दों में "ओ लोगों! धर्म का उद्देश्य प्रेम और एकता है , इसे घृणा और वैमनस्य का कारण मत बनाओ "
गणेश चतुर्थी, ईद की ढेर सारी बधाईयाँ !
समीर शर्मा
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